आर्य समाज बिलासपुर विवाह हेतु वर – वधू दोनों के जन्म प्रमाण हेतु हाईस्कूल की अंकसूची या कोई शासकीय दस्तावेज़ तथा पहचान हेतु मतदाता परिचय पत्र या आधारकार्ड या पासपोर्ट अथवा अन्य कोई शासकीय दस्तावेज़ चाहिए / विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधू की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए
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प्रेमी युगलों की सुरक्षा एवं गोपनियता की गंभीरता को ध्यान मे रखते हुए तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वरा प्रेमी युगलों की सुरक्षा सम्बन्धी दिये गए दिशा - निर्देशों के अनुपालन के अनुक्रम मे हमारे आर्य समाज द्वारा विवाह के पूर्व या पश्चात वर या वधू की गोपनियता को सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुये विवाह से संबन्धित कोई भी कागजात ,सूचना या जानकारी वर अथवा वधू के घर या उनके माता पिता को नहीं भेजी जाती है , जिससे विवाह करने वाले युगलों की पहचान को गोपनीय बनाये रखा जा सके , ताकि उनके जीवन की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न न हो सके /
Note: आर्य समाज मे सम्पन्न होने वाले विवाह “ आर्य विवाह मान्यता अधिनियम -1937 अधिनियम क्रमांक 1937 का 19* के अंतरगर्त कानूनी मान्यता प्राप्त है /
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हमारा उद्देश्य
- जन जन की सरल भाषा मे वेद एवं वैदिक सिधद्धांतों और वैदिक ऋषियों तथा आर्य समाज के संथापक वेदो उद्धारक महर्षि दयानंद सरस्वती व आर्य समाज के सिधद्धांतों का प्रचार प्रसार करते हुवे जन साधारण को वैदिक विचारधार से परिचय करना ।
- परिवारो , कार्यालयो , एवं अन्य स्थानो पर वैदिक संस्कार यज्ञ , पुजा पाठ कर्मकाण्ठ कथा –प्रसंग आदि करना एवं पारंपरिक पद्धति के पंडितो की व्यवस्था करना ।
- सामान्य छुवा-छूत की भावना को दूर करना ,दलित ,वंचित एवं जिनको अछूत मानते है उनको देव स्थानो पुजा स्थलो और मंदिरो मे बिना किसी भेदभाव के प्रवेश का आधिकार दिलाना ।
- आर्य समाज मंदिर यज्ञ शाला , वेद संस्थान आदि विभिन्न प्रकार के पूजा उपासना कर्मकण्ठ स्थलो का निर्माण एवं संचालन करना ।
- सामाजिक समरसता की स्थापनार्थ समूहिक एवं एकल विवाह संस्कारो (जातिभेद भाव रहित ) का आयोजन करना ,वैवाहिक रिस्तों की जानकारी मे सहयोग एवं सजातीय व अंतरजातीय परिचय सम्मेलनो का आयोजन करना।
- दहेज तथा आडंबर रहित सादगीपूर्ण सजाती व अंतरजाति विवाह सम्पन्न करना ।
- भारत सरकार तथा राज्य सरकार की अस्यपृस्यता निवारणार्थ अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना को विषय मे जनता को जागरूक करना।
- लिंगानुपात की विषमता को दूर करने हेतु बेटी (कन्या) की महत्ता बताते हुवे कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए जन जागृति अभियान चलाना तथा कन्याओ को स्वालंबन आत्मा रक्षण प्रशिक्षण , महिला सशक्तिकरण आदि हेतु विभिन्न गति विधियो का संचालन करना ।
- ग्रामीणो के विकास हेतु ग्रामीणो को शासन की विभिन्न योजनाओ से अवगत करना एवं स्वरोजगार प्रशिक्षण की व्यवस्था करना ।
- भारत सरकार द्वारा दिये गए मौलिक आधिकारो (मानव आधिकारों ) की जानकारी देना एवं उसकी रक्षा करना ।
- महिलाओ एवं बच्चो के लिए शासन द्वारा विभिन्न योजनाओ को उन तक पहुचाना एवं लाभ दिलाना ।